इस समय सबसे चर्चा का विषय Paytm Payments Bank पर बैन की हटकले लगाईं जा रही है| इस बिच हम आप सभी पाठको के लिए Paytm Payments Bank कम्पनी की अर्श से फर्श तक की पूरी जानकारी इस लेख (आर्टिकल) के माध्यम से शेयर करने की कोशिश कर रहे है|
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के एक छोटे से कस्बे हरदुआगंज में पैदा हुए थे,Paytm कंपनी के संस्थापक विजय शेखर शर्मा का जन्म मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था. विजय शेखर शर्मा के पिता एक स्कूल में अध्यापक थे.जिसके चलते विजय शेखर शर्मा ने अपनी स्कूली शिक्षा अपने कस्बे से पूरी की थी. विजय शेखर शर्मा ने महज 15 साल की आयु में ही दिल्ली के एक कॉलेज में दाखिला ले लिया, और महज 19 साल की आयु दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से अपने बी टेक की स्नातक की डिग्री प्राप्त कर ली.
सन 2000 में One97 कम्युनिकेशन्स नामक कम्पनी की शुरुआत की जो उस समय न्यूज, क्रिकेट स्कोर, रिंगटोन, जोक्स और एग्जाम रिजल्ट जैसे मोबाइल कंटेन्ट मुहैया करवाया करती थी,ये Paytm की पैरेंट कंपनी है| वर्तमान में पुरे भारत में जो चर्चा का विषय बना हुआ है, Paytm Payments Bank उस की शुरुआत दिल्ली के एक छोटे से कमरे से शुरुआत विजय शेखर शर्मा ने की थी, जो आज देश की सबसे बड़ी फिनटेक कम्पनी है,कभी भारत को कैशलेस इकोनॉमी बनाने की कहानी का मुख्य हीरो हुआ करती थी, Paytm Payments Bank आज शेयर मार्केट से लेकर गली-मोहल्ले में छोटे-मोटे काम करने वाले दुकानदारों तक और रेहड़ी-पटरी वालों करोडो लोगो को मझधार में लाकर खड़ा करने वाले इंसान विजय शेखर शर्मा बन गया है.
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Paytm कम्पनी की शुरुआत होती है साल 2010 से, उस समय देश में डिजिटल पेमेंट नया ही था. पेटीएम जिसका पूरा नाम ‘पेमेंट थ्रू मोबाइल’ है, उसने काम करना शुरू किया. शुरुआत में Paytm ने केवल ऑनलाइन मोबाइल रिचार्ज की सुविधा से शुरूआत की और सन 2011 में शर्मा के द्वारा Paytm वॉलेट सर्विस की शुरुआत कर दी गई. उसी समय देश में स्मार्टफोन सस्ते होने शुरू हुए थे और डिजिटल पेमेंट की और भारत ग्रोथ होने लगा था. लेकिन वास्तव में Paytm कम्पनी की उड़ान 2016 की नोटबंदी (DEMONETIZATION)के बाद हुई,जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक ऐलान को देश के इतिहास का सबसे ‘बोल्ड’ फाइनेंशियल निर्णय बताया. देश के तमाम छोटे और बड़े अखबारों में फुल पेज विज्ञापन छपे और पेटीएम रातों रात देश में सबसे बड़ा डिजिटल पेमेंट का विकल्प बन कर उभरा.और 2017 की शुरुआत तक सरकार ने देश में UPI पेमेंट सिस्टम को BHIM नाम से लॉन्च कर दिया. पेटीएम की जिस वॉलेट सर्विस ने उसे चमकता सितारा बन गया|
पेटीएम मनी (paytm money) लॉन्च कब हुआ
2017 में पेटीएम ने वेल्थ मैनजमेंट बिजनेस में उतरने का प्लान बनाया साथ ही एक डिजिटल बैंक बनाने की भी उसकी योजना थी. इसी साल मई में पेटीएम पेमेंट्स बैंक की शुरुआत हुई और जून 2017 में ‘पेटीएम मनी’ भी लॉन्च हुआ.लेकिन कुछ समय बाद ही Paytm पर खतरा मंडराना शुरू हो गया,अगर कहे की 2018 से Paytm का अर्श से फर्श वाला सफ़र शुरू हो चूका था.
Paytm में वारेन बफेट ने किया था Invesment
जब कम्पनी पर खतरा मंडराना शुरू ही हुआ था,उसी समय Paytm की पेरेंट कंपनी One97 कम्युनिकेशंस में वारेन बफेट की बर्कशायर हैथवे ने निवेश किया. बर्कशायर हैथवे ने One97 कम्युनिकेशंस को 30 करोड़ डॉलर का बड़ा निवेश दिया.
2018 में Paytm का बिजनेस लगातार बढ़ रहा था ,Paytm अपना बिजनेस पेटीएम पेमेंट्स बैंक के माध्यम से अपनी सर्विस का विस्तार कर रही थी. लेकिन उसमें चीन के ई कॉमर्स की सबसे बड़ी कम्पनी अलीबाबा ग्रुप के निवेश की खबरे को लेकर कॉपरेट जगत निवेश को लेकर शुरू से ही चिंता बनी हुई थीं. इस समय भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ रहा था. जिसका असर सीधा Paytm पर पड़ता दिखाई दे रहा था.
RBI की नज़र में कब आया Paytm Payments Bank
चीन की अलीबाबा की Paytm में निवेश की खबरों के बाद जून 2018 में Paytm पर पहली बार बैंकिंग रेग्युलेटर RBI की करवाई का सामना करना पड़ा और उसके कुछ समय बाद ही Paytm Payments Bank पर नए खाते खोलने को लेकर पाबंदी लगा दी गई थी.लेकिन कई क़ानूनी करवाई के बाद करीब 6 महीने बाद RBI ने Paytm Payments Bank पर लगे नए खाते खोलने को लेकर लगाई पाबंदी को हटा दिया, लेकिन ये ज्यादा दिन तक नही चला. मार्च 2019 में RBI के तहत काम करने वाले बैंकिंग लोकपाल ने Paytm Payments Bank को कारण बताओ नोटिस जारी किया. जिसमे आरबीआई के द्वारा जारी KYC नियमों के उल्लंघन से जुड़ा मामला था.Paytm Payments Bank अपने एक खास अकाउंट के ट्रांजेक्शंस पर सही से नजर नहीं रख रहा था.जिसके चलते बैंकिंग लोकपाल ने करवाई की थी.
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Paytm Payments Bank को सबसे ज्यादा फायदा कब मिल
जब देश विदेश सहित भारत मे कोरोना महामारी का समय था,उस समय डिजिटल पेमेंट का चलन तेजी से बढ़ रहा था,2020 मे इस समय Paytm Payments Bank का चलन तेजी से बढ़ा, जिस कारण Paytm Payments Bank का बिजनेस दिन दोगुनी रात चौगुनी गति से बढ़ा,उसी दौरान भारत और चीन के बीच गलवान घाटी की घटना हुई.जिस वजह से अलीबाबा ग्रुप के निवेश को लेकर देश मे बहस क एक बहुत ही बड़ा मुद्दा बना,जिस के कारण Paytm Payments Bank एक बार और सुर्खियों में आ गया था.
गलत जानकारी के कारण मुसीबत बढ़ी
पहले भी कई कारणों से Paytm Payments Bank भारतीय रिजर्व बैंक कि नज़र मे था , लेकिन जुलाई 2021 मे एक बार ओर भारतीय रिजर्व बैंक “भारत बिल पेमेंट ऑपरेटिंग यूनिट” को लेकर मांगी गई जानकारी गलत देने के कारण Paytm Payments Bank को भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा “कारण बताओ” नोटिस जारी किया गयाजिसके जवाब में ही Paytm ने आरबीआई को गलत जानकारी दी थी.
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Paytm भारतीय शेयर बाजार में लिस्ट कब हुईं
साल 2021 के अक्टूबर में ही Paytm का IPO भारतीय शेयर बाजार में लिस्ट हुआ. IPO से लाने से कुछ समय पहले ही Paytm में अलीबाबा ग्रुप की हिस्सेदारी 34.7 प्रतिशत तक पहुंच चुकी थी. भारतीय शेयर बाजार IPO के नियमों का पालन करने के लिए तब अलीबाबा ग्रुप की फर्म एंटफिन ने Paytm में अपनी 5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी. लेकिन Paytm IPO के शेयर बाजार मे लिस्ट होते ही कंपनी के आईपीओ का प्राइस 2150 रुपए था, जबकि शेयर की लिस्टिंग 27 प्रतिशत टूटर 1560 रुपए पर हुई, जिसके कारण निवेशो को अरबो का नुकसान उठाना पड़ा.
जिसके बाद धीरे धीरे Paytm कंपनी के राज खुलने लगे ओर लगतार RBI कि नियमों का पालन नहीं करने से देश कि सबसे सबसे बड़ी फिनटेक कंपनी बर्बाद होने कि कगार पर आ गई.